तुम अपने दिल की बातें कभी तो कहते हो
मगर सिर्फ पूछने पर
खुद आकर नहीं कहते कि
तुम्हे पता है, आज ऐसा हुआ!
ऐसा कहने पे जो आँखों में चमक होती है
वो कहीं नहीं मिलती
जैसे कोई गहरी राज़ की बात
सुना रहे हो
पहले शायद तुम कहा करते थे
पर पहले तो तुम और भी बहुत कुछ किया करते थे
जो अब नहीं करते
तुमने बताया नहीं क्यों?
और हमने पूछा भी नहीं
क्योंकि आज कल तुम
सिर्फ पूछने पे बताते हो