हम ख़याल
बुधवार, 25 जनवरी 2012
...
मेरा दिल क्यों धड़कता है
ये तुमसे पूछता हूँ जब;
तुम्हारी गाल का तिल भी;
ये सुन के मुस्कुराता है...
मैं चलता हूँ सड़क पर जब
ज़माना साथ चलता है,
मै रुकता हूँ जो कुछ पल को
अकेला छोड़ जाता है .....
मंगलवार, 24 जनवरी 2012
आसान रास्तों पे चल के
आसान फैसले लेकर
ज़िन्दगी मुश्किल में पड़ जाती है
शुक्रवार, 20 जनवरी 2012
दिल मे तेरे कुछ तो एतबार रहा होगा .।
थोड़ा ही सही दिल मे तेरे प्यार रहा होगा ..।
जीने की कोशिशें उसने यूंही न छोड़ दी;
मरने का उसके कुछ तो आसार रहा होगा।
वीरान मकान के खुले दरवाजे बताते हैं;
किसी शख्श के आने का इंतज़ार रहा होगा।
....शाहिद
मंगलवार, 17 जनवरी 2012
कभी आइनों से पूछ के
देखा होता;
चेहरे हकीकत में कैसे
दिखते हैं,
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)