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गुनाह को जायज ठहराने के लिए
गुनहगार पैंतरे फेंकता है,
गुनहगार पैंतरे फेंकता है,
कहता है,
कि जिसको मारा वो चोर था,
कि जिसको मारा वो चोर था,
कहता है
कि जिसको मारा वो गौ तस्कर था,
कि जिसको मारा वो गौ तस्कर था,
कहता है,
कि जिसको मारा वो बीफ खाता था,
कि जिसको मारा वो बीफ खाता था,
गुनहगार होशियार है,
मगर कायर है।
मगर कायर है।
वो खुल कर नहीं कहता कुछ,
वो नहीं कहता कि
जिसको मारा वो टोपी पहनता था
इसलिए मारा।
जिसको मारा वो टोपी पहनता था
इसलिए मारा।
वो नहीं कहता कि
जिसको मारा वो जय श्री राम
नहीं कहता था
इसलिए मारा।
जिसको मारा वो जय श्री राम
नहीं कहता था
इसलिए मारा।
वो नहीं कहता कि
जिसको मारा वो वंदे मातरम
नहीं कहता था
इसलिए मारा।
जिसको मारा वो वंदे मातरम
नहीं कहता था
इसलिए मारा।
वो नहीं कहता कि
जिसको मारा उसका नाम
तबरेज़ था
इसलिए मारा।
जिसको मारा उसका नाम
तबरेज़ था
इसलिए मारा।
गुनहगार को गुनाह
कबूलने में शर्म आती है।
कबूलने में शर्म आती है।
इसलिए अभी उसके
बदलने की गुंजाइश है।
बदलने की गुंजाइश है।
गुनहगार से नफरत न करो,
उसे समझाओ,
कि वो जो कर रहा है वो गलत है।
उसे समझाओ,
कि वो जो कर रहा है वो गलत है।
गुनहगार मान जायेगा।
गुनहगार के दिल में नफरत है,
उसे प्यार से बुझाओ,
उसे प्यार से बुझाओ,
गुनहगार को अपने घर बुलाओ,
उससे पूछो,
उससे पूछो,
कि उसे टोपी वालों से इतनी
नफरत क्यों है?
नफरत क्यों है?
उससे पूछो
कि उसे तबरेज़ नाम वालों
से इतनी नफरत क्यों है?
कि उसे तबरेज़ नाम वालों
से इतनी नफरत क्यों है?
उसे बताओ कि
कि तबरेज़ एक
शहर है ईरान का
कि तबरेज़ एक
शहर है ईरान का
उसे बताओ
कि एक सूफी था शम्स तबरेज़ी,
कि एक सूफी था शम्स तबरेज़ी,
जिस से मिल कर रूमी
रूमी बन गया,
और दुनिया को प्यार का पैगाम दिया।
रूमी बन गया,
और दुनिया को प्यार का पैगाम दिया।
गुनहगार का
दिल पिघलेगा,
दिल पिघलेगा,
तब तक सब्र करो
और उम्मीद रखो,
और उम्मीद रखो,
कि खुदा
सब्र करने वालों के साथ होता है।
सब्र करने वालों के साथ होता है।
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