तुम होती तो रौशनी होती
तुम होती तो सितारे चमकते
आज तुम नहीं हो
तो दिल नहीं लगता,
बिस्तर, तकिया, कम्बल
सारे तुम बिन
सिकुड़े सिकुड़े से हैं ,
घर में एक हंसी की गूँज
की बेहद ज़रुरत है ,
तुम चली आओ।
तुम नहीं होती तो होंठ सूख जाते हैं
तुम नहीं होती तो आँखें भीग जाती हैं ,
तुम्हें पता है कि
मुझे अकेले खाना अच्छा नहीं लगता,
एक अकेली प्लेट
राह तकती है,
घर में तुम्हारी प्लेट इंतज़ार करती है
तुम चली आओ।
तुम नहीं होती तो मैं बाहर नहीं जाता
तुम नहीं होती तो ठंडी हवा नहीं आती
घर में बस एक खुश्क
सा मौसम बना रहता है,
इस मौसम को बदलने के लिए
मेरी जान
तुम चली आओ।
तुम होती तो सितारे चमकते
आज तुम नहीं हो
तो दिल नहीं लगता,
बिस्तर, तकिया, कम्बल
सारे तुम बिन
सिकुड़े सिकुड़े से हैं ,
घर में एक हंसी की गूँज
की बेहद ज़रुरत है ,
तुम चली आओ।
तुम नहीं होती तो होंठ सूख जाते हैं
तुम नहीं होती तो आँखें भीग जाती हैं ,
तुम्हें पता है कि
मुझे अकेले खाना अच्छा नहीं लगता,
एक अकेली प्लेट
राह तकती है,
घर में तुम्हारी प्लेट इंतज़ार करती है
तुम चली आओ।
तुम नहीं होती तो मैं बाहर नहीं जाता
तुम नहीं होती तो ठंडी हवा नहीं आती
घर में बस एक खुश्क
सा मौसम बना रहता है,
इस मौसम को बदलने के लिए
मेरी जान
तुम चली आओ।
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