हम ख़याल
शनिवार, 30 जनवरी 2010
लोग किताबों में मतलब ढूँढा करते हैं;
जिंदगी इतनी उलझी हुई तो चीज़ नहीं.
हर मुलाक़ात आखिरी सी लगती है;
पर वो मेरे इतने तो करीब नहीं.
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