सोमवार, 1 मार्च 2010

बस एक ख्याल...

एक अजीब ख्याल है वो
जैसे दोबारा कोई निगाह
डाले और हर दुसरे पल वो अलग नज़र आये

औरों से बिलकुल जुदा
एक पुरसुकून सी आवाज़
जब कहीं से आये तो
यूँ लगे कि मौसम अचानक खुशनुमा हो गया हो

एक फरेबी शक्ल का नकाब
जो छिपाए रखता है सबसे
एक हकीकत जो उतनी ही सच है
और उतनी ही कडवी

पर फिर भी कुछ है
जो उलझाए रखता है हर घड़ी हर वक़्त

बस एक ख्याल...

2 टिप्‍पणियां:

daanish ने कहा…

kisi anjaane,,
lekin bahut-hi apne-se
shakhs ki daastaan
padh kar
bahut achhaa lagaa janaab .

बेनामी ने कहा…

bahut hi behtareen rachna......
dil ko chhu dene waali....http://i555.blogspot.com/ mein is baar तुम मुझे मिलीं....
jaroor dekhein...
tippani ka intzaar rahega.