एक जूनून सवार है लोगों पर
एक दुसरे के पर काटने का,
कोई किसी को आज़ाद उड़ते नहीं देखना
चाहता,
आज़ादी चुभती है दिल में
जैसे हम छीन रहे है लोगों से कुछ
अपनी आज़ादी के लिए,
एक दुसरे के पर काटने का,
कोई किसी को आज़ाद उड़ते नहीं देखना
चाहता,
आज़ादी चुभती है दिल में
जैसे हम छीन रहे है लोगों से कुछ
अपनी आज़ादी के लिए,
1 टिप्पणी:
आपकी यह पोस्ट आज के (२२ जून, २०१३, शनिवार ) ब्लॉग बुलेटिन - मस्तिष्क के लिए हानि पहुचाने वाली आदतें पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई
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