जब कोई पौधा
अपनी जड़ों से दूर
बेगानी आबो हवा में पनपता है
उसमे वो बात नहीं रहती
जो उसे वापस उसी ज़मीन पे जाने दे।
उसकी जड़ें मजबूत नहीं हो पाती
कितना भी खाद पानी डालने पर
नयी ज़मीन में
चाहें कितनी भी उर्वरा शक्ति हो
उस पौधे में फूल तो खिला पाती है
लेकिन उसमे खुशबू नहीं आती
अपनी जड़ों से दूर
बेगानी आबो हवा में पनपता है
उसमे वो बात नहीं रहती
जो उसे वापस उसी ज़मीन पे जाने दे।
उसकी जड़ें मजबूत नहीं हो पाती
कितना भी खाद पानी डालने पर
नयी ज़मीन में
चाहें कितनी भी उर्वरा शक्ति हो
उस पौधे में फूल तो खिला पाती है
लेकिन उसमे खुशबू नहीं आती
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