दर्द सहना लगातार
और उम्मीद न खोना
ये दो चीज़ें रोज़ करनी होती हैं।
और तीसरी तलाश
ये सब कुछ ख़ामोशी से होता रहे
बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह
तो खुश रहता है
आसपास का मौसम,
बस किसी दिन बरस पड़ता है,
और उम्मीद न खोना
ये दो चीज़ें रोज़ करनी होती हैं।
और तीसरी तलाश
ये सब कुछ ख़ामोशी से होता रहे
बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह
तो खुश रहता है
आसपास का मौसम,
बस किसी दिन बरस पड़ता है,
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