मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

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आह तक जज़्ब कर गयी मेरी;
तेरी याद सब छीन ले गयी मुझसे...

 

शायद किसी दिन

तुम्हारे बाद क्या?

एक सवाल बन के आ जाता है,

यूँ तो तुम कभी थे भी नहीं,
पर तुम्हारे होने का एहसास बचा था कहीं,

आज वो भी चला गया,

क्या कोई किस्सा
बीच में ख़तम हो सकता है?

कुछ वाकये क्यों उम्र भर
चलते हैं साथ,

अपने वजूद से चिपक जाते है,

कितना भी छुडाओ नहीं छूटते..

तुम कुछ उन जैसे ही थे,

पर आज लगता है
कि तुमसे जुड़ाव

शायद उतना भी नहीं था,

तुम्हे खोने का दर जितना पहले
था आज नहीं,

पर एक सन्नाटा है,
एक ख़ामोशी,

शायद किसी दिन

इस ज़मीन
पर फिर से कोई हलचल होगी,...

....  


गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

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अजीब हाल है अब किसी पे मेरा बस नहीं चलता,
न दिल पे काबू , न अपनी किस्मत पे इख्तियार है..


दिल सिमट जाता है ,सीने में डर से अब तो,
आहटें दूर से, जब भी यहाँ पे आती हैं.....

न जाने कौन सी कश्ती को किनारा मिलेगा,
ये सोचती हैं कश्तियाँ, जो लहरों से टकराती हैं,


ये शहर

बहुत कुछ होता है
सुबह से शाम होने तक,

बीच में याद भी नहीं रहता
की सांस चल रही है मेरी,

जिंदा होने का एहसास तब तक
नहीं आता,
जब तक कहीं लिखी दो अच्छी
लाईनें  न पढ़ लूं ,

किसी का फ़ोन आने पर
ये सवाल की "मै भूल गया हूँ उसे?"

जवाब नहीं सूझता,

मुझे मेरे होने की याद
ही नहीं रहती है,

रात हो जाती है जल्दी,

कुछ चेहरे देख सो जाता हूँ
आँखों में ,

कुछ दिखता भी तो नहीं ऐसा,

ये शहर कितना बड़ा है ,

मगर उसके दिल में जगह नहीं है
हम जैसों के लिए..
  ......
  

 

सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

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एक वक़्त में 
कितनी चीज़ें सोच सकते हैं हम,

वो सब बातें 
जो बिलकुल मामूली जान पड़ती हैं,
कितनी अहमियत रखती हैं,

एक छोटी सी हँसी की क्या 
कीमत होगी भला?

किसी को खुश करना 
कुछ ज्यादा मुश्किल तो नहीं...
 

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

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क्या फर्क पड़ता है 

अगर मै तुम्हारी तस्वीर 
थोड़ी देर को देखता रहूँ,

आज अलग दिख रहे हो तुम,

खुद जैसे नहीं,

जैसे किसी दूसरी दुनिया से आये हो,


....

मै बात करना चाहता हूँ तुमसे

बस थोड़ी देर,
मुझे पता है तुम सुन लोगे,
मेरी बातें,

पर हिम्मत नहीं होती,

मै तुम्हे भुलाना चाहता हूँ क्या?

शायद नहीं,

मै तुम्हे याद रखना चाहता हूँ,
पर याद नहीं करना चाहता,

दोनों बातों में कोई फर्क तो है...   

........

लोग पसंद नहीं करते मुझे,

सच बोलना गुस्ताखी लगती है

लोग वही सुनना चाहते हैं
जो वो सुनना चाहते हैं,

आपको  इसलिए   दरकिनार 
कर दिया जाता है 

क्योंकि आप अलग सोचते है,

सोच जो थोड़ी सी आज़ाद है,