तुम्हारी दी हुई चॉकलेट
दो दिन तक पड़ी रही वहीँ बिस्तर पर,
नहीं उठायी हमने ,
जाते आते देखते रहे उसे,
उसका आधा खुला रेपर
और उसके टुकड़े ,
याद दिलाते रहे ,
वो हिस्सा जो तुम्हारा था
दो दिन तक पड़ी रही वहीँ बिस्तर पर,
नहीं उठायी हमने ,
जाते आते देखते रहे उसे,
उसका आधा खुला रेपर
और उसके टुकड़े ,
याद दिलाते रहे ,
वो हिस्सा जो तुम्हारा था