तुम नज़र आई उस दिन
कुछ परेशान सी ,
बगल में बैठी जब
तुम रो पड़ी थी ,
सोचा अपना कन्धा दे दे
तुन्हें रोने को ,
और तुम्हारे आंसूं पोछे ,
पर जाने क्या था जो
रोक गया मुझे,
नहीं देखना चाहता तुम्हे
उदास इतना ,
ज़िन्दगी से इतनी मायूसी,
मुझे पता है तकलीफे है
पर किसकी ज़िन्दगी में नहीं है परेशानियाँ ,
तुम्हारी नयी तरह की होंगी,
पर तुम बहादुर बनो,
मुस्कुराओ और कह दो मुश्किलों से
की कहीं और जा बसे,
तुम्हारा दिल वो जगह नहीं .
कुछ परेशान सी ,
बगल में बैठी जब
तुम रो पड़ी थी ,
सोचा अपना कन्धा दे दे
तुन्हें रोने को ,
और तुम्हारे आंसूं पोछे ,
पर जाने क्या था जो
रोक गया मुझे,
नहीं देखना चाहता तुम्हे
उदास इतना ,
ज़िन्दगी से इतनी मायूसी,
मुझे पता है तकलीफे है
पर किसकी ज़िन्दगी में नहीं है परेशानियाँ ,
तुम्हारी नयी तरह की होंगी,
पर तुम बहादुर बनो,
मुस्कुराओ और कह दो मुश्किलों से
की कहीं और जा बसे,
तुम्हारा दिल वो जगह नहीं .
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