शनिवार, 13 दिसंबर 2014

तुम

सुबह की पहली किरन सी
तुम 
रोशनी लेकर आती हो

कोई जादू सा आता है तुमको

कभी शोख नजर से 
कभी बातों की शोखी से

दिल को अपना बनाती हो

तुम आरजू हो
तुम जुस्तजू हो

जो एक ख्वाब के सहारे
दिल में पैबस्त हो

सुबह फिर भी तुम्हें
खामोश रहके याद करती है

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