सुबह की पहली किरन सी
तुम
रोशनी लेकर आती हो
कोई जादू सा आता है तुमको
कभी शोख नजर से
कभी बातों की शोखी से
दिल को अपना बनाती हो
तुम आरजू हो
तुम जुस्तजू हो
जो एक ख्वाब के सहारे
दिल में पैबस्त हो
सुबह फिर भी तुम्हें
खामोश रहके याद करती है
तुम
रोशनी लेकर आती हो
कोई जादू सा आता है तुमको
कभी शोख नजर से
कभी बातों की शोखी से
दिल को अपना बनाती हो
तुम आरजू हो
तुम जुस्तजू हो
जो एक ख्वाब के सहारे
दिल में पैबस्त हो
सुबह फिर भी तुम्हें
खामोश रहके याद करती है
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