जिंदा तो है वो
चलता फिरता है
बातें करता है
पर वो ख़ुशी उसके चेहरे
से कहीं गायब हो गयी है
जैसे किसी पुरानी पेंटिंग
का रंग उड़ गया हो
अब वो उस जोश से हाथ नहीं मिलाता
जैसे भरोसा उठ गया हो उसका
सब से,और शायद सबसे ज्यादा
उस पेंटिंग को बनाने वाले से
जिसने उसमे तरह तरह के
रंग भरे थे
*शाहिद
2 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया...
घायब को गायब कर लें.
बहुत उम्दा ,
बड़ी ही ख़ूबसूरती से बहुत गहरी बात कह दी है आप ने,
वाह!
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