क्यों समझना मुश्किल होता है
उन बातों को भी
जो बहुत आसान होती है।
सीढ़ी बात
तब तक नहीं समझ आती
जब
तक कुछ अजीब न हो जाए
आपके साथ,
जो बात ,
दूसरों को डरा सकती है
वो आपको हंसी खेल लगती है,
क्योंकि आप नहीं गुज़रे
हैं उन रास्तों पर
जहाँ रौशनी नहीं होती
जहाँ आप अपने आप को पहचान
नहीं पाते,
अँधेरी सुनसान
गलियां
सिखाती है,
जीने का और मरने का
मतलब,
लड़ना सिखाती हैं
मुश्किलों से
और उस डर से
जो लगता है अँधेरे से
....
उन बातों को भी
जो बहुत आसान होती है।
सीढ़ी बात
तब तक नहीं समझ आती
जब
तक कुछ अजीब न हो जाए
आपके साथ,
जो बात ,
दूसरों को डरा सकती है
वो आपको हंसी खेल लगती है,
क्योंकि आप नहीं गुज़रे
हैं उन रास्तों पर
जहाँ रौशनी नहीं होती
जहाँ आप अपने आप को पहचान
नहीं पाते,
अँधेरी सुनसान
गलियां
सिखाती है,
जीने का और मरने का
मतलब,
लड़ना सिखाती हैं
मुश्किलों से
और उस डर से
जो लगता है अँधेरे से
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