कई दिनों से तुम से बात नहीं की
ऐसा लगता था जैसे मै भूलने का
नाटक कर रहा हूँ
क्या इतना आसान है सब कुछ भुला के
एक दम से पहले की तरह कोरा हो जाना
मेरा मन कागज़ की तरह होता तो मै मिटा
भी देता सब कुछ जो तुमने लिखा था
पर क्या मै जिंदा रह पाता उसके बाद
कभी ना हारने वाला मन
जब हार जाता है तो बहाने ढूंढता है
ऐसे बहाने जिनका कोई वजूद नहीं होता
पर वो हमारे दिए गए सहारे पे खड़े हो
हमसे ही मुंह लड़ते है
ऐसा जताते है की जो हुआ वो कोई ग़लती हो
मैंने उनसे कह दिया मै उनके साथ नहीं
कई दिनों बाद मैंने कोशिश की
तुमसे बात करने की
#shahid
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