परिंदे उड़ते हैं मन के ,
कभी मेरे दिल में कभी तेरे दिल में
आस लगी रहती है सब बिखरने के बावजूद
कभी मेरे दिल में ,कभी तेरे दिल में
घूमता हूँ मै चारों दिशाओं में पर निकल नहीं पाता
मै तेरे दिल से , तू मेरे दिल से
कभी मेरे दिल में कभी तेरे दिल में
आस लगी रहती है सब बिखरने के बावजूद
कभी मेरे दिल में ,कभी तेरे दिल में
घूमता हूँ मै चारों दिशाओं में पर निकल नहीं पाता
मै तेरे दिल से , तू मेरे दिल से
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