उन चाँद रातों के नाम
जब तुम याद आये मुझे
ठंडी हवा के झोंके कि तरह
कभी उलझी हुई सी बातों के नाम
जब तुम मुस्कुराये देख कर मुझे
एक नए खिलते फूल कि तरह
उन लम्हों के नाम
जब ज़िन्दगी बदली हुई सी लगी मुझे
स्याह रातों के बाद उगते हुए सूरज कि तरह
कभी झुकती हुई सी नज़रों के नाम
जब तुम शर्माए देख कर मुझे
छुई मुई के एक पौधे कि तरह
उन सितारों के नाम
जो टिमटिमाते हुए से लगे मुझे
खुद मेरी तरह
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