पहचान
ढूंढते रहते है सभी
खुद की
दूसरी चीज़ों की भी ताकि
ढूँढने में आसानी हो
पर ये कुछ वैसा ही नहीं
जैसे रेत पर लिखा नाम
जो कुछ पल को तो दिखाई देता है
फिर गायब हो जाता हैं
बहते पानी के साथ
कभी किताबों में एक निशान
छोड़ देते हैं वापस पलट के लौटने के लिए
ज़िन्दगी मगर हमे वो मौका नहीं देती
हर पल मिटाती है हमे
फिर दोबारा बनाने को
जैसे अपनी गलती सुधार रही हो
पहचान कोई हमेशा रहने वाली चीज़ होगी शायद
तभी लोग परेशान रहते है
अपनी पहचान बनाने को
धुंधली सी कभी दिखने
और कभी खो जाने वाली पहचान
ढूंढते रहते है सभी
खुद की
दूसरी चीज़ों की भी ताकि
ढूँढने में आसानी हो
पर ये कुछ वैसा ही नहीं
जैसे रेत पर लिखा नाम
जो कुछ पल को तो दिखाई देता है
फिर गायब हो जाता हैं
बहते पानी के साथ
कभी किताबों में एक निशान
छोड़ देते हैं वापस पलट के लौटने के लिए
ज़िन्दगी मगर हमे वो मौका नहीं देती
हर पल मिटाती है हमे
फिर दोबारा बनाने को
जैसे अपनी गलती सुधार रही हो
पहचान कोई हमेशा रहने वाली चीज़ होगी शायद
तभी लोग परेशान रहते है
अपनी पहचान बनाने को
धुंधली सी कभी दिखने
और कभी खो जाने वाली पहचान
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