शनिवार, 20 जुलाई 2013

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आइना शौक़ से देखो जो देखना चाहो ,
शक्ल अपनी नहीं पर पाओगे तुम,

कितने चेहरे छुपाये फिरते हो,
साफ़ कैसे नज़र आ जाओगे तुम,

गीत सुनो या कोई ग़ज़ल सुन लो,
सुनाओगे तो मर्सिया ही सुनाओगे तुम,

मुस्कुराने से किसको देते हो धोखा ,
दिल की तंगहाली ही दिखाओगे तुम।

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