मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

आभासी दुनिया ***

कुछ तारे 
टूटते हैं,
कुछ लोग
दुआ करते हैं।

कुछ लोग
शक करते हैं।

कुछ लोग
यकीन करते हैं।

पहले वाले लोग
दूसरे वालों को काफिर कहते हैं ।

दूसरे वाले लोग
पहले वालों को कट्टर कहते हैं ।

किसी को कुछ
पता नहीं,
कि ब्रह्माण्ड के एक छोटे
से टुकड़े पर,
हज़ारों प्रजातियों में
से एक प्रजाति
खुद को इतना सिरियसली
क्यों लेते हैं?

वो तो एक छोटा सा
फुल स्टाप हैं
इस बड़े से ब्रह्माण्ड में,

पर लोग कहाँ
मानते हैं,

उनके पास फंडे हैं,
अजीब गरीब,

अगर घूम फिर कर
देखा जाय
तो जीवन
बस  एक घोंसला,
कुछ अंडों,
को बचाने की कवायद है,

और बाकी
समय में खाने की तलाश,

अगर हमें
जीवन के बारे में सीखना है,
तो हमें नेचर
के पास जाना चाहिए।

प्रक्ित् से बड़ा
शिक्षक कोई और नहीं,

हम इंसानों
ने अपनी एक आभासी
दुनिया बना रखी है,
खुद को भरमाने के लिए,

इस के बाहर
सब कुछ
बहुत सीधा
और सरल है।।

~शाहिद

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