मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

ग़ज़ल ###

हुस्न किस हाल है नहीं मालूम,
कौन सा साल है नहीं मालूम ।

चाँदनी अपने उरूज पे है,
रात पामाल है नहीं मालूम ।

दिल की हालत पता करे कोई,
दीग़र अहवाल है नहीं मालूम ।

रश्क करने की वजूहात न पूछ,
वो बेमिसाल है नहीं मालूम ?

इश्क की उम्र खुदा से पूछ बैठे,
वो ला ज़वाल है नहीं मालूम ।

~ शाहिद

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