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अखबार में खबर आई है,
२१ वी सदी की पहचान
गैस की पाइपलाइन बिछ रही है,
और उसे बिछाने को किया गया है
सड़क पर एक गड्ढा,
गड्ढे को भरने के लिए लाये गए हैं पत्थर,
और सड़क पर
पत्थर उठा रही है एक औरत,
पसीने से भरी हुई ,
पर हौसले से मजबूत,
पास में रखी है एक सीमेंट की बोरी
और उस पर सोया है
उसका बच्चा,
धुल और मिट्टी से सना हुआ
धुल और मिटटी के बीच,
फुटपाथ पर पलता हुआ ,
करवटें बदलता हुआ,
हमारा गणतंत्र ,
और उसका तिरंगा झंडा
खड़ा है वहीँ
शान से लहराता हुआ।
पास से एक
जुलूस निकल रहा है,
लोग नारा लगा रहे हैं।
जय हिन्द।
जय हिन्द।
अखबार में खबर आई है,
२१ वी सदी की पहचान
गैस की पाइपलाइन बिछ रही है,
और उसे बिछाने को किया गया है
सड़क पर एक गड्ढा,
गड्ढे को भरने के लिए लाये गए हैं पत्थर,
और सड़क पर
पत्थर उठा रही है एक औरत,
पसीने से भरी हुई ,
पर हौसले से मजबूत,
पास में रखी है एक सीमेंट की बोरी
और उस पर सोया है
उसका बच्चा,
धुल और मिट्टी से सना हुआ
धुल और मिटटी के बीच,
फुटपाथ पर पलता हुआ ,
करवटें बदलता हुआ,
हमारा गणतंत्र ,
और उसका तिरंगा झंडा
खड़ा है वहीँ
शान से लहराता हुआ।
पास से एक
जुलूस निकल रहा है,
लोग नारा लगा रहे हैं।
जय हिन्द।
जय हिन्द।
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