आज कुछ बात तो है
वरना इतना तो मेहरबान नहीं होता कोई
बिना मांगे वो दे गया इतना कुछ
जिसके लिए ना जाने कब से
बैठा था इंतज़ार में की कब
ना जाने कब ऐसा होगा
पर आज शायद कुछ खास दिन ही है
पर मै भी किसी का दिया
उधार नहीं रखता हूँ
मैंने आँखों से कुछ मोती
चुराकर उसकी हाथ में धर दिए
2 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया..
@ udan tashtari dhanywaad..!
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