बुधवार, 23 जून 2010

कुछ मोती ..

आज कुछ बात तो है
वरना इतना तो मेहरबान नहीं होता कोई

बिना मांगे वो दे गया इतना कुछ
जिसके लिए ना जाने कब से

बैठा था इंतज़ार में की कब
ना जाने कब ऐसा होगा

पर आज शायद कुछ खास दिन ही है

पर मै भी किसी का दिया
उधार नहीं रखता हूँ

मैंने आँखों से कुछ मोती
चुराकर उसकी हाथ में धर दिए

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया..

Shahid Ansari ने कहा…

@ udan tashtari dhanywaad..!