हम समझ नहीं पाते कीमत कुछ बातों की
या शायद उस वक़्त हम वही करते हैं
जो सही लगता है
पर फिर क्यों कुछ देर बाद वही
बात ग़लत लगने लगती है
क्यों कुछ फैसले हमेशा के लिए
सही नहीं हो सकते
ऐसे जो पहले भी सही थे
आज भी सही लग रहे हों
और आगे भी उनपे कोई अफ़सोस न हो
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