हम ख़याल
मंगलवार, 12 सितंबर 2017
मेरे हिस्से की चाँदनी ले जा ,
अंधेरा दे के , रोशनी ले जा ।।
अपनी कड़वाहट यहाँ रख दे,
इन होठों की चाशनी ले जा ।।
____शाहिद अंसारी
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