बकवास बहुत ज़रूरी है,
कोरी बकवास,
अधूरी बकवास,
या फिर पूरी बकवास,
अधूरी बकवास,
या फिर पूरी बकवास,
दिमाग़ का जो खालीपन है,
उसे बकवास ही भर सकती है,
उसे बकवास ही भर सकती है,
अंग्रेज़ी में जिसे कहते हैं क्रैप,
एक लगातार बोली जाने वाली
अर्थहीन बात,
एक लगातार बोली जाने वाली
अर्थहीन बात,
या फिर जिसका अर्थ ऐसा हो
जिसका ना होना ही बेहतर होता,
जिसका ना होना ही बेहतर होता,
पर ये होती रहती है,
बार बार, लगातार
घंटों तक चलती है,
बार बार, लगातार
घंटों तक चलती है,
कभी मीटिंग में,
कभी सीटिंग में,
कभी सीटिंग में,
कभी धर्म के नाम पर,
कभी कर्म के नाम पर,
कभी कर्म के नाम पर,
पिलाये जाते हैं बकवास के घूंट,
पी कर मदमस्त हो जाते हैं लोग,
और फिर उड़ेलते हैं
वही बकवास जो पचती नहीं है उनको,
वही बकवास जो पचती नहीं है उनको,
दूसरों को छलनी कर देते हैं,
एक दुर्गंध जो फैल रही है
हर रोज़ फिज़ा में,
हर रोज़ फिज़ा में,
ये उस फैक्ट्री से निकल रही है
जहाँ ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है,
जहाँ ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है,
पर्यावरण में प्रदूषण है,
दिमाग में और ज्यादा है,
दिमाग में और ज्यादा है,
एक दिन कूड़े का ये ढेर
ढह जायेगा,
ढह जायेगा,
और भर जायेगा हमारे घरों
के अंदर,
के अंदर,
वो हर पाक साफ जगह
को दूषित कर देगा,
को दूषित कर देगा,
वक्त कम है,
समस्या बड़ी है,
समस्या बड़ी है,
बकवास इस समय की सबसे मुश्किल घड़ी है।
______शाहिद अंसारी
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