शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

एक जैसे मौसम होते 
एक सा दिन अपना होता

सच्चा होता ,झूठा होता 
आँखों में एक सपना होता

रातें होती ख्वाबों वाली
नींदों वाले दिन होते
बारिश होती रिमझिम रिमझिम 
उलझे सब पलछिन होते


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