सहमे हुए से ख़यालात
आते हैं कुछ दिल में
दिल के एक कमज़ोर कोने से
पुरानी मिटटी की दीवार की तरह
जो कई सारी बरसातें झेल कर भी
खड़ी रहती है सहमी डरी सी
गिरने का डर , टूटने का
बिखर जाने का
आते हैं कुछ दिल में
दिल के एक कमज़ोर कोने से
पुरानी मिटटी की दीवार की तरह
जो कई सारी बरसातें झेल कर भी
खड़ी रहती है सहमी डरी सी
गिरने का डर , टूटने का
बिखर जाने का
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