मंगलवार, 10 जुलाई 2018

गज़ल

कहाँ है चाँद,सितारे कहाँ हैं?
खूबसूरत से वो नज़ारे कहाँ हैं?

शब ए हिज्र की तड़प तो है,
शब ए वस्ल की बहारें कहाँ है?

आईना होता तो नज़र आ जाता,
दिल जो टूटा है, दरारें कहाँ हैं ?

लगी है आग़ जिस्म जलता है,
पूछते हो तुम , कि शरारें कहाँ हैं ?

जो होती पत्थर की तो गिरा देता,
दिलों के बीच ऐसी दीवारें कहाँ हैं?

-शाहिद

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