सब चाहते हैं इस दिल को,
ये दिल किसी को नहीं चाहता ।
रोते हुए वो बोला सबसे,
कोई है जो हँसी को नहीं चाहता ।
कोई है जो हँसी को नहीं चाहता ।
सब ढूंढते हैं खूबियाँ मेरी,
कोई मेरी कमी को नहीं चाहता ।
कोई मेरी कमी को नहीं चाहता ।
आसमान पर नज़र है रखी ,
ये परिंदा ज़मीं को नहीं चाहता ।
ये परिंदा ज़मीं को नहीं चाहता ।
यां इंसान आदमी से डरता है,
आदमी आदमी को नहीं चाहता ।
आदमी आदमी को नहीं चाहता ।
_शाहिद
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