शनिवार, 12 मार्च 2011

मुझसे क्यों पूछ रहे हो ?

 दिमाग में कुछ 
चल रहा हो तो कुछ
दिखाई नहीं देता

 ऐसा लगता है की
सब सीधे रास्ते पे चल
रहे हो और आप कहीं
जा रहे हों.
औरों से अलग

और जिस वक़्त ऐसा
होता है,

आपको एक   पहचान दे देते है लोग

एक बैज 

अजीब अजीब नजरो से 
देखते है

क्या हो गया इसे 
अच्छा खासा तो था 

एक नशा है जो 
काफूर हो जाएगा 

चंद दिनों में 

पर आपको लगता है
जैसे मुश्किल है होना ऐसा 

पर दो साल पहले और भी कई 
चीज़ें इतनी ही मुश्किल 

दिख रही थी

फिर फर्क क्या है
मुझसे क्यों पूछ रहे हो ?

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