मंगलवार, 22 मार्च 2011

मिटटी के पुतले

कुछ हादसे होते रहने चाहिए

बार बार लगातार
ताकि दिल में डर बना रहे 

वरना इंसान बेख़ौफ़ हो जाता है

खुदा से भी नहीं डरता 
उसे लगने लगता है
कि सब उसके हाथ में है

पर हम तो मिटटी के पुतले
हैं ना

गलतियाँ करेंगे
दोहराएंगे 

फिर थोडा सीखेंगे

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