तुम आज जितने अच्छे हो,
क्या कल भी उतने ही होगे?
ये सवाल बहुत बचकाना है;
ये तुमको समझ न आना है;
मै फिर भी पूछा करता हूँ,
मै फिर भी पूछा करता हूँ,
तुम आज मेरे हो पास जितने ;
क्या कल भी उतने ही होगे?
मेरी आँखों में , मेरी नींदों में,
पीछा करता है अक्स तेरा;
मै जब भी देखा करता हूँ;
तस्वीर तुम्हारी सीने में,
हर बार मै पूछा करता हूँ;
तुम आज मेरे हो साथ जितने ;
क्या कल भी उतने ही होगे?
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