हम ख़याल
गुरुवार, 29 सितंबर 2011
..
मै जो पागल पागल फिरता हूँ,
उसका अंदेशा किसको था;
वो नाम तुम्हारा लेता था,
कोई और नहीं वो मै ही था.
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