उस रोज़ इस तरह से, मुझ से मिल के तू गया;
एक आरज़ू तेरे नाम से, जग जाती है हर रोज़...
मै रात से हर रोज़, कहता हूँ कि छोड़ दे;
ये रात ऐसी है , मुझे बहकाती है हर रोज़..
मै उसे भूल भी जाता हूँ , हर रोज़ फिर भी क्यों;
उसकी याद ऐसी है जो, आ जाती है हर रोज़..
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