रस्मो रिवाज निभाने की खातिर,
या एक झूठे बहाने की खातिर,
बात कुछ भी हो अब सफाई न दे!!
अब कहने पे भी भरोसा करेगा कौन.
जो बुरा हो चुका उसको अच्छा कहेगा कौन,
ऐसी बेगुनाही की अब दुहाई न दे!!
______शाहिद
या एक झूठे बहाने की खातिर,
बात कुछ भी हो अब सफाई न दे!!
अब कहने पे भी भरोसा करेगा कौन.
जो बुरा हो चुका उसको अच्छा कहेगा कौन,
ऐसी बेगुनाही की अब दुहाई न दे!!
______शाहिद
2 टिप्पणियां:
Bhai Laage raho ........ Aacha laga ..... sach mein aacha laga
aree dada...dil khush kar diya tumne toh...
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