दो चार दिन की बात है हंगामा खत्म हो जाएगा
बहुत कमज़ोर है याददाश्त यहाँ लोगों की.......
कल फिर उन्ही को गले से लगायेंगे
खाते थे कसमें जिन की हर रोज़ देख लेने की.............
उम्र भर के निभाने का कोई वादा नहीं होता यहाँ
चाहे वो दुश्मनी की बात हो की दोस्ती की.........
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