गुरुवार, 15 मार्च 2012

अफ़सोस

अफ़सोस जताना चाहता हूँ,

उन बातों का जो हो रहे हैं अभी,
और उन बातों पर जो हो चुकी हैं,

अफ़सोस जताना चाहता हूँ,

उन पर भी जो कभी हुई ही  नहीं,
और उन पर भी जो शायद हो सकती थी,

अफ़सोस जताना चाहता हूँ,

उन बातों पर जिन्हें होने से
रोक दिया मैंने


और उन बातों पर भी जो नहीं रोक पाया
होने से


अफ़सोस जताना चाहता हूँ,


उन बातों पर
जिनपे मेरा कोई बस नहीं चलता,

और उन बातों पर भी जो मेरे बस में
होकर भी नहीं होती...


अफ़सोस जताना चाहता हूँ,  


उन बातों पर जो भुलाए नहीं भूलती,


और उन बातों पर भी जिन्हें मामूली समझ कर
या वक़्त की कमी से दरकिनार कर देता हूँ,..


अफ़सोस जताना चाहता हूँ, 


उन बातों पर जिनसे मेरा रिश्ता है,

और उन बातों पर भी जिनसे सबका
वास्ता है..

अफ़सोस जताना चाहता हूँ,
हर उस बात पे जिसके लिए

मै सोच पाता हूँ,

और कुछ नहीं कर पाता...


......

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