दबा दबा सा
कहीं एक एहसास
ही तो था,
कल जो
सामने दिखा तो
बाहर आ गया,
मुझसे डरता है,
जाने किस बात से,
मै उसे कुछ नहीं
कहूँगा
पर उसे फिर भी
डर लगता है,
मुझसे ,
या मेरी परछाई से
कल हिम्मत जुटा कर बोल पड़ा,
आप बहुत बदल गए हैं/
सच ही तो है...
कहीं एक एहसास
ही तो था,
कल जो
सामने दिखा तो
बाहर आ गया,
मुझसे डरता है,
जाने किस बात से,
मै उसे कुछ नहीं
कहूँगा
पर उसे फिर भी
डर लगता है,
मुझसे ,
या मेरी परछाई से
कल हिम्मत जुटा कर बोल पड़ा,
आप बहुत बदल गए हैं/
सच ही तो है...
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