बहार के फूलों
पर भंवरों की तरह मंडराते
लोग कब समझेंगे
कि फूल कैसे खिलते हैं?
पर भंवरों की तरह मंडराते
लोग कब समझेंगे
कि फूल कैसे खिलते हैं?
फूल खिलते हैं
क्योंकि भंवरे बांटते हैं पराग,
क्योंकि भंवरे बांटते हैं पराग,
फूल खिलते हैं
क्योंकि उन्हें खिलना होता है,
सब कुछ सह कर ,
क्योंकि उन्हें खिलना होता है,
सब कुछ सह कर ,
धूप बारिश से लड़ना होता है,
इन सब से पार पाकर
जब फूल खिलते हैं ,
जब फूल खिलते हैं ,
तो खिलते हैं चेहरे,
बनते हैं रंग
और हो जाती है दुनिया
रंग बिरंगी ,
बनते हैं रंग
और हो जाती है दुनिया
रंग बिरंगी ,
फूलों का खिलना अनायास नहीं होता ,
ये चक्र है
जीवन मरण का ,
ये चक्र है
जीवन मरण का ,
फूल जीवन हैं
मुरझाये फूल मौत ,
मुरझाये फूल मौत ,
~ शाहिद
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