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हम न भूलेंगे मगर तुम भी याद रखना,
जब उसूलों की बात हो, तो अपनी बात रखना ।।
जब उसूलों की बात हो, तो अपनी बात रखना ।।
लोग गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं यहाँ,
ऐसी बातों से न डरना, तुम खुद को शाद रखना ।।
ऐसी बातों से न डरना, तुम खुद को शाद रखना ।।
फूल कब रोज़ गुलज़ार करें हैं गुलशन को,
ख़ार से सही, मगर बाग़ को आबाद रखना ।।
ख़ार से सही, मगर बाग़ को आबाद रखना ।।
तितलियों से न सही, रंग ए हिना से ही सही,
रंग जहाँ से मिले, हर रंग को आज़ाद रखना ।।
रंग जहाँ से मिले, हर रंग को आज़ाद रखना ।।
जिनको जलना है वो खुशी से जल जायेंगे,
तुम मगर खुद को कभी मत नाशाद रखना ।।
तुम मगर खुद को कभी मत नाशाद रखना ।।
~शाहिद
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