शनिवार, 5 दिसंबर 2009

पहली कोशिश

पहली कोशिश
ख्यालों को लफ़्ज़ों में पिरोने की
कुछ बताने की कुछ सुनाने की 
आज करने जा रहा हूँ

एक नए रास्ते पर
एक नयी मंजिल की ओर
एक नए जोश के साथ
मैं बढ़ने जा रहा हूँ

2 टिप्‍पणियां:

इस्मत ज़ैदी ने कहा…

waqai achchhi koshish ,inshaallah manzil zaroor milegi.

Shahid Ansari ने कहा…

bahut shukriya....aap bhi bahut acha likhti hai.