मंगलवार, 2 अगस्त 2011

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शब् भर रही तलाश 
नींद जाती रही 

रात भर आपकी याद 
आती रही

एक अरसे से लगी थी
दिल में जो आग

चाँद की चांदनी 
ही बुझाती रही

 

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