सोमवार, 22 अगस्त 2011

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तुम इतना क्यों याद आते हो?

रात के गलियारों में 
मद्धम रौशनी की तरह ,

जैसे उम्मीद को भी कोई 
रास्ता दिखा रहा हो,

हाँ , यही ठीक वजह है 
पेड़ों की टहनियों के सूख जाने की,

आने वाले सर्द मौसम में,
इन्ही को जलाकर सेंक लेंगे खुद को..
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