बुधवार, 10 अगस्त 2011

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बहुत दिन हुए,

हाँ , बहुत दिन हुए,
 जब दिल से किसी से बात की,

किसी को गौर से सुने एक अरसा हुआ,

बहुत दिन  हुए,

हाँ , बहुत दिन हुए,
किसी को कुछ बताये हुए,

आजकल कोई मिलता भी कहाँ है,
जिसके पास वक़्त हो मुझे सुनने का,

बहुत  मुश्किल है,
किसी ऐसे का मिल पाना भी,

जो दो मिनट को  साथ बैठे,

बिना कोई  मतलब निकाले,
मेरी कुछ सुने,

 कुछ अपनी सुनाये,

 बिना किसी  उम्मीद के,
 सड़क पे आप के साथ  घूमे ....

 और मुस्कुरा के  अलविदा कह दे,
 फिर मिलने के लिए...

बहुत दिन हुए,

हाँ , बहुत दिन हुए,
जिंदगी से बात किये ....


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