लम्हों में कुछ बदले होंगे
तारों से कुछ धुंधले होंगे
दिखते होंगे , छुपते होंगे
मुड़ते होंगे, फिरते होंगे
मुझको ये मालूम नहीं है,
?दूर मुझसे वो कैसे होंगे?
पंछी होंगे, उड़ते होंगे,
बारिश की कुछ बूँदें होंगी ,
घर होगा, दीवारें होंगी,
कुछ गीले कुछ सूखे होंगे,
मुझको ये मालूम नहीं है,
दूर मुझसे वो कैसे होंगे?
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