हम ख़याल
गुरुवार, 3 नवंबर 2011
...
जीने का नया रंग फिर दिखा गयी मुझे;
जिंदगी हर बार कुछ सिखा गयी मुझे...
मै जब भी भटका राह से तो थोड़ी देर बाद;
एक नया रास्ता फिर सुझा गयी मुझे...
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