ऐसे ही कभी तू भी, आदतें बदल के देख;
रौशनी चाहता है तो, तू भी जल के देख....
सच का रास्ता अभी भी, है वीरान पड़ा हुआ;
न हो तुझको ये यकीन, तो तू भी चल के देख...
शिकवे शिकायतों का सिलसिला अभी भी है;
कभी प्यार की राहों में, तू भी टहल के देख..
रौशनी चाहता है तो, तू भी जल के देख....
सच का रास्ता अभी भी, है वीरान पड़ा हुआ;
न हो तुझको ये यकीन, तो तू भी चल के देख...
शिकवे शिकायतों का सिलसिला अभी भी है;
कभी प्यार की राहों में, तू भी टहल के देख..
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