बुधवार, 7 दिसंबर 2011

हमारी किस्मत

मुझे
उम्मीदें पालने का शौक़ है;

झूटी उम्मीदें
जो कभी पूरी नहीं होती

वो
जो जीना मुश्किल बना देती हैं;

पर
इन्ही के भरोसे तो दुनिया कायम है

क्यों?

तुम नहीं पालते,
उम्मीदें;

अच्छे
हो तुम;

तुम्हे फर्क नहीं पड़ता नाः?

अच्छा है ,

कितना अजीब हैं ना

 हम दोनों की दुनिया
जो कभी एक सी थी,

आज अलग है
क्यों?

जवाब नहीं दोगे तुम?

रहने दो,


अच्छा नहीं है
तुम्हारे लिए;

तुम्हारी इमेज के लिए;

बुरा बनना
और बुरा होना

सिर्फ हमारी किस्मत में लिखा है....

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